केरवास पंचायत जिला मुख्यालय प्रतापगढ़, राजस्थान से पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर हैं. पक्की सड़क खेरोट पंचायत को जिला मुख्यालय से जोड़ती हैं. इस पंचायत मे करीब ग्यारह गाँव आते हैं. यहा की आबादी लगभग तीन हजार पांच सौ हैं. यहा के लोग अधिकतर अनुसूचितजनजाती के हैं. ये लोग अपने घरो को दूर दूर बनाते हैं, मकान अधिकतर झोपडे होते हे ,इनके मकान पहाड़ियो से घिरे हुए हे, यहा पर खेती बहुत कम होती हे अधिकतर लोग मज़दूरी करने बाहर जाते हे, कुछ लोग पास के राज्यो जेसे -गुजरात, मध्यप्रदेश आदि मे काम करने जाते हे! इनके रहने का तरीका सामान्य लोगो से अलग होता हे, पुरुष धोती कमीज़ पहनते हे ,और सर पर कपड़ा लपेटते हैं, महिलाएं घाघरा और लूग्डा पहनती हैं और सर को दुपट्टे से ढकती हैं ! यहा के लोग नृत्य गाते हुए गोल-गोल घूमते हैं, जिसको कोंडालिया बोलते हैं! इनका मुख्य भोजन मक्के की रोटी और सब्जी होती हैं. सामाजिक भोज में दाल बाटी बनाया जाता हैं !
ग्राम पंचायत का गठन सन् १९९२ में हुआ जिसमे ग्यारह गाँव है ! केरवास,झाहुंडा,जहाजपुर,डोडियार-खेडा,नाइका पठार,बोरवना,जोगिखेडा,खात्तोड़ी,गणावा खेडा ,डिन्डोरखेडा ,सेंलाटोंक आदि !पूर्व में इन गाँवो में से चार गावं खेरोट पंचायत में थे बाकि सात गावंकचोटिया पंचायत में थे !इस केरवास पंचायत का गठन होने बाद प्रथम चुनावअक्तिस जनवरी उनिसो पिंचान्वे को हुआ जिसमे प्रथम सरपंच मानमल पिता हीरालाल मीना केरवासपंचायत के सरपंच बने पंचायत भवन का निर्माण भी इसी कार्यकाल में हुआ इस पंचायत में छः आँगन बाड़ी केंद्र है, सात प्राथमिक विद्यालय ,दो उच्च प्राथमिकविद्यालय है और एक माद्यमिकविद्यालय है इस पंचायत के जहाजपुर गावं में नलयोजना सन ,दो हजार पांच में शुरू हुई थी !जिसका बजट विधायक मद से आया था !इस पंचायतके सारे गाँव विधुती करण से जुड़े हुए है !और इस पंचायत में सभी गाँवपक्की सडक से जुड़े हुए है!
बहुत बधाई हो! आप सब टैल्पी को पंचायतों के साथ जुड़ के एक साथ यह वेबसाइट बनाने की बधाई. इससे
गाओं के बारे में जानकारी और ज्ञान के आदान प्रदान का मध्यम अब उन्ही के हाथ में है.
aap ko bhi bahut bahut badhayi ho